फुल बॉडी चेकअप क्या होता है ? Full body checkup kya hota he
Full body checkup kitni janch hoti h// फुल बॉडी चेकअप मे ंकितनी जांच होती है।
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आज के इस लेख पर आज जानेंगे फुल बॉडी चेकअप क्या होता है?
आज की भागदौड़ भरे जीवन में शरीर की छोटी-मोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं जो बाद में किसी बड़ी बीमारी का कारण बन जाती है। इसलिए सभी को अपने शरीर से जुड़ी हर समस्या पर खास आप अपना सामान्य परीक्षण यानी फुल बॉडी चेकअप करवा सकते हैं । यह एक ऐसा परीक्षा नहीं है जिसमें सामान्य अंगों का आसानी से परीक्षण किया जाता है। जैसे ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, स्टूल टेस्ट, डायबिटीज टेस्ट, थायराइड टेस्ट आदि।
हालांकि पूरे शरीर की जांच करवाने से बीमारियों का पहले से पता लगाया जा सकता है। इसके अलावा शरीर के स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप जरूर करवाना चाहिए शायद बहुत से लोगों के मन में सवाल आ रहा होगा कि फुल बॉडी चेकअप क्या होता है और किन लोगों को करवाना चाहिए चलिए आज के लेख में जानेंगे फुल बॉडी चेकअप के बारे में विस्तार से जानेंगे।
क्यों पड़ती है जरूरत
वैज्ञानिक इतिहास और परीक्षण के आधार पर मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं की पुष्टि करने के लिए फुल बॉडी चेकअप की जरूरत पड़ती है । इसके अलावा शरीर में ऐसी बीमारियों का पता लगाने के लिए भी जो शरीर में अनजाने में मौजूद हो सकती है इसमें विभिन्न किस्म के .जांच की शखला शामिल होती है। बीमारियों का पता लगाने के साथ ही उनके पनपने से रोकने और असर कम करने के लिए जरूरी उपाय भी सुझाए जाते हैं।
किसके लिए फायदेमंद है
यूं तो फुल बॉडी चेकअप किसी खास आयु वर्ग या लिंग के लिए सीमित नहीं है लेकिन 40 की उम्र के ऊपर के व्यक्तियों के लिए यह बेहद जरूरी हो जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि इस उम्र के लोगों में बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है। संपूर्ण शारीरिक जांच के माध्यम से किसी व्यक्ति के शरीर का रक्त और संपूर्ण विश्लेषण किया जाता है अगर आपके साथ बीमारी का कोई इतिहास रहा है तो उस स्थिति में इसकी जरूरत और बढ़ जाती है।
बिमारी होने का ना करें इंतजार
जीवन शैली को प्रभावित करने वाले कई कारक हमारी ईद गिर्द मौजूद हैं ऐसे में संतुलित आहार लेने और यह नियमित व्यायाम करने के बाद भी आप बिमारी की चपेट में आ सकते हैं साल में एक बार पूरे शरीर की जांच करा लेने से आप कम से कम इस खतरे से मुक्त रह सकते हैं की जांच कराने से आप कम से कम इस खतरे से मुक्त रह सकता है।
जांच
ब्लड टेस्ट
यह सबसे पहली और जरुरी जांच होती है इसके जरिए हीमोग्लोबिन का स्तर, पॉलिमोर्फ्स, लिंफोसाइट, मोनोसाइट, प्लेटलेट्स आदि के स्तर को मापा जाता है। इसी ब्लड टेस्ट के जरिए ब्लड शुगर केलोस्ट्रोल आदि की जांच की जाती है किसी भी तरह के असामान्य स्तर की स्थिति में दूसरे विशेष टेस्ट किए जाते हैं।
यूरिन टेस्ट
पेशाब की जांच के जरिए ग्लूकोज और प्रोटीन की मात्रा का पता लगाया जाता है।
आंखों की जांच
आज सही तरीके से काम करती है या नहीं इसे जांच के जरिए पता लगाया जाता है कलर ब्लाइंडनेस मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया की स्थिति का भी अंदाजा मिल जाता है।
ईसीजी
दिल की हालत को जांचने के लिए ईसीजी किया जाता है हृदय गति को माफ कर उससे जुड़ी बीमारियों का पता लगाया जाता है।
कान की जांच
सुनने की क्षमताओं को पता लगाया जाता है।
एक्स-रे और स्कैन
यह जान बहुत सामान्य नहीं है लेकिन कुछ स्थितियों में इसे करवा लेने की सलाह दी जाती है।
लिवर फंक्शन टेस्ट
प्रोटीन, एल्बुमिन, ग्लोबुलीन, बिलुरुबिन, एसजीओटी, एसजीपीटी आदि इस टेस्ट के तहत आते हैं।
चिकित्सक उम्र के आधार पर कौन से टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं
किसी भी शरीर में बीमारी कभी भी हो सकती है इसलिए बीमारियों के जोखिम से बचने के लिए सभी को एक बार अपने शरीर की जांच करवानी चाहिए ताकि आपको बीमारी है या नहीं इसका सटीक पता चल सके लेकिन चिकित्सक बिना किसी बीमारी के लोगों को उम्र के आधार पर कुछ निम्न जांच की सलाह देते हैं आईएस आगे बताते हैं
जिनकी उम्र 20 साल की है उनको हर साल में एक बार अपने बीपी, कद, वजन की जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा आंखों, दातो, व 2 साल में एचआईवी स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए।
30 साल के बाद वाले लोगों को पहले जांच के अलावा थायराइड, डायबिटीज, एनीमिया, लीवर से परेशानी के लिए रक्त की जांच करवानी चाहिए इसके अतिरिक्त हृदय संबंधी बीमारियों के लिए साल में एक बार जान जरूर करवाएं।
40 साल के बाद वाले लोगों को आगे के बताए जांच के अलावा उनको 5 साल में एक बार कारडीओ वैस्कुलर की जांच करवानी चाहिए।
50 साल के बाद वालों लोगों को आगे के बताए जांच के अलावा हर साल बीपी डायबिटीज आंखों की जांच, कानो की जांच, अवसाद की जांच करवा लेनी चाहिए।
60 से 70 साल वालों लोगों को आगे के बताए गई जांच के अलावा हड्डियों की जांच भाई स्क्रीनिंग हर साल करवाएं इसके अतिरिक्त हर साल अल्जाइमर व डेमिंशिया की जांच करवा लेनी चाहिए।
भारत में फुल बॉडी चेकअप करवाने में कितना खर्चा लग सकता है?
फुल बॉडी चेकअप करवाने का खर्चा लगभग आईएनआरएस 799 से 10,000 हो सकता है लेकिन भारत में कई लैब सेंटर है जिसमें फुल बॉडी चेकअप करवाने का खर्चा अलग अलग हो सकता है
अगर आपको स्वास्थ्य में किसी प्रकार की अनियमितता हो रही है तो किसी अच्छे चिकित्सक से फुल बॉडी चेकअप करवा सकते हैं
हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है हम आपको किसी तरह दवा उपचार की सलाह नहीं देते हैं आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकित्सक ही दे सकता है क्योंकि उससे अच्छा कोई नहीं होता
धन्यवाद !
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