Type Here to Get Search Results !

1

ओणम पर निबंध//Onam pr nibandh

ओणम पर निबंध//Onam pr nibandh

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे ओणम पर निबंध जो केरल में सबसे बडे त्यौहार के रूप में मनाया जाता है इसी की जानकारी विस्तार रूप से दी जाएगी। तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

ओणम केरल का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है लोग इसे बहुत ही धूमधाम और शोक के साथ मनाते हैं इसे केरल का राष्ट्रीय त्योहार भी माना जाता है। ओणम प्रत्येक वर्ष अगस्त सितंबर के महीने में मनाया जाता है। मलयालम कैलेंडर के अनुसार यह वर्ष का पहला महीना है। जिसे चिंगम कहा जाता है तथा हिंदी पंचांग के अनुसार श्रावण शुक्ल की त्रयोदशी को मनाते हैं।

ओणम पर निबंध//Onam pr nibandh
ओणम पर निबंध//Onam pr nibandh

Table of contents


Onam festival kyon manate Hain.

ओणम का निबंध क्या है?

ओणम त्योहार की कहानी क्या है?

ओणम का दूसरा नाम क्या है?

ओणम पर निबंध हिंदी में

ओणम त्योहार पर 10 वाक्य

10 लाइन ओणम त्यौहार पर

10 lines onam festival in Hindi 

Onam pr nibandh 

FAQ

10 lines about Onam festival in Hindi


1-ओणम केरल का प्रमुख त्योहार है और इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.


2-ओणम के त्यौहार पर केरल के लोग अपने घरों को दुल्हन की तरह सजाते हैं।


3-यह ओणम त्यौहार राजा महाबली की समृद्धि और उदारता की याद में मनाया जाता है।


4-लोगों का मानना है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने धरती पर आकर राजा महाबली को पाताल लोक भेजा था.


5-जबकि कुछ लोगों को मानना है कि ओणम पर्व की शुरुआत संगम काल में हुई थी‌


6-यह त्यौहार फसलों की कटाई से संबंधित है और शहर में भी इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।


7-यह त्यौहार मलयालम कैलेंडर के अनुसार चिंगम के पहले महीने की शुरुआत में मनाया जाता है।


8-यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है जिससे पहला और दसवां दिन खास होता है।


9-इस त्यौहार पर लोग गाते हैं नाचते हैं खेलते हैं और स्वादिष्ट खाना बनाते हैं।


10-ऐसा माना जाता है कि ओणम के दिन अमीर लोग गरीबों को उदारता से दान करते हैं।


ओणम का इतिहास। ओणम फेस्टिवल की कहानी ओणम पर्व स्टोरी ओणम त्यौहार की कथा।


हर राज्य में अपने अपने पारंपरिक त्योहार मनाए जाते हैं। उसी प्रकार से केरल में ओणम का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को केरल के राजा महाबली के स्मृति में मनाया जाता है। इस पर्व को लेकर जो कथा सबसे अधिक प्रचलित है वह इस प्रकार है-


प्राचीन काल में राजा महाबली वर्तमान के केरल राज्य के एक बहुत ही प्रतापी राजा थे और वह अपनी प्रजा से बहुत प्रेम करते थे वह दानी होने के साथ ही बहुत ही पराक्रमी भी थे अपने बाहुबल से उन्होंने तीनों लोगों का विजय प्राप्त किया । तब उनसे गुरु शुक्राचार्य ने उन्हें सलाह दी कि वह 100 अश्वमेध यज्ञ करके इंद्र का पद प्राप्त कर लें और सदा के लिए त्रिलोक के स्वामी बन जाए। उनकी आज्ञा अनुसार राजा बलि ने अश्वमेध यज्ञ करना आरंभ किया। उनके 99 यज्ञ तो सकुशल संपन्न हो गए। लेकिन 100वें यज्ञ के संपन्न होने से पहले भगवान विष्णु वामन रूप धारण करके प्रकट हो गए। और राजा बलि से तीन पग धरती मांगी परंतु राजाबली इस बात से अनभिज्ञ थे की वामन अवतार में उनके सामने स्वयं विष्णु खड़े हैं जब राजा बलि ने उनकी मांग स्वीकार कर ली तो वामन रूपी भगवान विष्णु ने विराट रूप धारण करके 2 पद में सारे लोग नाप लिए और जब तीसरे पद के लिए स्थान पूछा तो राजा बलि ने कहा कि हे प्रभु तीसरे पक्ष को आप मैं मस्तक पर रख दें। भगवान वामन ने जब तीसरा पद रखा तो राजा बलि पाताल लोक चले गए राजा बलि के इस दान और भक्तों से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उनसे वर मांगने को कहा जब राजा बलि ने कहा कि हे प्रभु मैं वर्ष में एक बार अपनी प्रजा से मिलने का समय चाहता हूं तब से ऐसा माना जाता है कि वह ओणम का ही पर्व है। जिस पर राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने आते हैं यही कारण है कि केरल में ओणम के इस पर्व को इतनी धूमधाम से मनाया जाता है।


ओणम पर 500 शब्द पर निबंध


ओणम किरण में सभी समुदायों को एक साथ लाने वाला त्यौहार है इस दिन धर्म जाति या पंथ का कोई महत्व नहीं होता है भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से ये लोग इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इसी तरह इस त्यौहार की गतिविधियां पूरे भारत में अपने भव्य पैमाने और स्वादिष्ट भोजन के लिए प्रसिद्ध है ओणम पूकलम और जैसे विभिन्न उत्सव और समारोहों पर एक नजर डालेंगे।


ओणम के पीछे की कहानी

ओणम का फसल उत्सव आमतौर पर अगस्त के अंत और सितंबर के शुरुआत के बीच शुरू होता है। दूसरे शब्दों में चिंगम के मलयालम महीने के दौरान हम पौराणिक राजा महाबली के स्वागत के लिए त्यौहार मनाते हैं।


ऐसा माना जाता है कि ओणम के दौरान उनकी आत्मा राज्य में आती है। त्यौहार की उत्पत्ति भगवान विष्णु के प्राचीन काल से हुई है एक दिन उसने खुद को एक बोनी ब्राह्मण वामन में बदल दिया।


इस अवतार में वह यागम में शामिल होने गए जिसकी मेजबानी राजा महाबली कर रही थी इस प्रकार वामन ने तीन पग भूमि की याचना की। राजा महाबली ने इसके लिए बाध्य किया। हालांकि तब बौना आकार में बड़ा होने लगा और उसने पृथ्वी और स्वर्ग का दावा करना शुरू कर दिया


जैसा की बोनी ने पूरी भूमि को कवर किया कुछ भी नहीं बख्शा राजा महाबली ने अपनी बात रखने के लिए अपने स्वयं के सिर की पेशकश की। हालांकि उन्होंने शर्त रखी कि उन्हें हर साल एक बार लोगों के घर जाने की इजाजत होगी इस प्रकार हम इसे राजा महाबली की घर वापसी के रुप में मनाते हैं।


ओणम के उत्सव


पूरे केरल में लोग इस त्यौहार को 10 दिनों तक मनाते हैं इस पर्व का प्रत्येक दिन विशेष महत्व रखता है इस प्रकार लोग उनमें से प्रत्येक को विशेष रुप से मनाते हैं समारोह केरल की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को दर्शाते हैं। दूसरे शब्दों में यह त्योहार राज्य में 10 दिनों के एक कॉलर्निवल से कम नहीं है।


ओणम नित्य पूरे देश में काफी लोकप्रिय है कथकली, पुलीकली/कुड़वाकली, कुम्माती कली, कैकोट्टिकली और बहुत से पारंपरिक प्रदर्शन लोग करते हैं।


इसी तरह त्योहार के दौरान पारंपरिक सर्प नौका दौड़ एक प्रमुख आकर्षण है। हम इसे वल्लमकाली कहते हैं हरनाव पर 100 आदमी होते हैं। दौड़ पंपा नदी पर होती है अन्य लोकप्रिय दौड़ में नेहरू ट्रॉफी बोट रेस और उतरात्तथी वोट रेश शामिल है।


इस त्यौहार का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू ओणम संध्या है। यह मूल रूप से सभी प्रकार के शाकाहारी व्यंजनों से युक्त भोज्य है। यह काफी भव्य होता है। और त्योहार के आखिरी दिन परोसा जाता है तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और लोग उन्हें केले के पत्ते पर परोसते हैं।


इसके अलावा ओणम पूकलम है जो मूल रूप से फलों का कालीन है। राजा महाबली के स्वागत के लिए लोग अपने घरों के सामने फूलों की सजावट करते हैं।


निष्कर्ष


कुल मिलाकर ओणम एक ऐसा त्यौहार है जो केरल के सभी लोगों को एकजुट करता है। यह एक ऐसा पर्व है जो हमारी बनाई सभी सीमाओं को मिटा देता है। लोग इसे खुशी और जोश के साथ मनाते हैं। और हर साल पूरे दिन का आनंद लेते हैं।


FAQ


1-हम ओणम क्यों मनाते हैं?

उत्तर फसल उत्सव आमतौर पर अगस्त के अंत और सितंबर के शुरुआत के बीच शुरू होता है दूसरे शब्दों में चिंगम के मलयालम महीने के दौरान हम पौराणिक राजा महाबली के स्वागत के लिए त्यौहार मनाते हैं।


2-शिक्षण संस्थान ओणम कैसे बनाते हैं? उत्तर-शैक्षणिक संस्थान इस उत्सव के लिए बहुत सारी गतिविधियों की योजना बनाते हैं उनका उद्देश्य छात्रों को त्यौहार और संस्कृति से परिचित कराना है वह उत्सव के दौरान भाषण निबंध पुष्प सजावट प्रतियोगिता आयोजित करते हैं।


3-ओणम पूकलम क्या है? 

उत्तर पूकलम मूल रूप से फूलों का कालीन है राजा महाबली के स्वागत के लोग लिए अपने घरों के सामने फूलों की सजावट करते हैं।

ओणम पर निबंध//Onam pr nibandh
ओणम पर निबंध//Onam pr nibandh

उम्मीद करते हैं दोस्तों यह लेख आप लोगों को पसंद आया होगा अगर पसंद आए तो आप लोग कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं ऐसे ही आर्टिकल के लिए हमारी वेबसाइट पर आप लोग जरूर बने रहें और अपने दोस्तों में इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें पोस्ट पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।





Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Section