मेरी मां पर निबंध हिंदी में//essay on mother in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में चर्चा करेंगे। मेरी मां पर निबंध हिंदी में, मेरी मां पर निबंध कैसे लिखें, सभी की जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से दी जाएगी तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।
मेरी मां पर निबंध हिंदी में//essay on mother in Hindi |
Table of contents
मां पर श्लोक
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी।'
(अर्थात, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।)
'मातृ देवो भवः।'
(अर्थात, माता देवताओं से भी बढ़कर होती है।
. 'माता गुरुतरा भूमेरू।'
(अर्थात, माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं।)
अथ शिक्षा प्रवक्ष्यामः
मातृमान् पितृमानाचार्यवान पुरूषो वेदः।'
8. 'रजतिम ओ गुरु तिय मित्रतियाहू जान।
निज माता और सासु ये, पाँचों मातृ समान।।'
(अर्थात, जिस प्रकार संसार में पाँच प्रकार के पिता होते हैं, उसी प्रकार पाँच प्रकार की माँ होती हैं। जैसे, राजा की पत्नी, गुरु की पत्नी, मित्र की पत्नी, अपनी स्त्री की माता और अपनी मूल जननी माता।)
मेरी मां एक अच्छी शिक्षक
मेरी मां मेरे लिए एक अच्छी शिक्षक है, मेरी मां, मां ने मुझे जन्म दिया। मुझे नाम दिया, मेरा लालन-पालन, खुद गीले में सोकर मुझे सूखे में सुलाया मेरी मां, मां मेरे लिए सभी भगवानों से बढ़कर है, मां जीवनदायिनी, हर मुसीबत में मेरा साथ दिया।
सबसे पहले तो उन्होंने मुझे उंगली पकड़कर चलना सिखाया, स्कूल जाने से पहले ही ब्रश करना जूते के फीते बांधना स्कूल में तो हम बाद में सब सीखते हैं। जिसने पहले से ही सब सिखा दिया। वह मां है मेरी, मेरी मां के बिना में जीवन जीने के बारे में सोच भी नहीं सकता। वह मेरी जीवन की प्रारंभिक शिक्षा के है। मेरे जीवन को जीने शुरुआत की उन्ही से होती है।
उन्होंने मेरे हारने पर डाटा नहीं बल्कि सिखाया कि जीवन में हार जीत लगी रहती है। परंतु जो निडर होकर आगे बढ़ता है। वह कभी नहीं हारता है। उन्होंने केवल प्रारंभिक शिक्षा भी नहीं दी बल्कि जीवन जीने का तरीका सिखाया मुझे यह बात की शिक्षा दी कि सम्मान में किस तरह से व्यवहार करना चाहिए। वह मेरे दुख में मेरे साथ रहे, मुझे चोट लगने पर वह खुद तकलीफ में होते हुए मुझे सहारा दिया। मेरी तकलीफ हो में मेरी शक्ति बनी। वह मेरी सफलता का आधार स्तंभ है उसके बिना जीवन जीने की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता यही कारण है कि वह मेरे जीवन की सबसे अच्छी मार्गदर्शक, और एक अच्छी शिक्षक है।
मुसीबत की साथी मेरी मां
मां मुझे मेरे पापा से बचाती है, मां मुझे डालती है समझाती है मेरी हर गलती को छुपाती है मां मुझे पैसे भी देती है। मैं मां के आंचल में सोता हूं। मां से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं। मुझे अंधेरे से डर लगता था, तो मेरी मां मेरे सिरहाने बैठ कर मुझे कहानियां सुनाती थी, लोरी गाती थी, हल्की-हल्की थपकी देती थी जब तक कि मैं सोना जाऊं। जब बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो वह भले ही अपने माता-पिता को भूल जाएं पर वह कभी अपने बच्चों को नहीं भूलते भले ही बच्चे दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हो। लेकिन जब बच्चों पर कोई मुसीबत आती है। तो सबसे पहले मां को ही याद करते हैं। कहते हैं ना कि मां सबकी जगह ले लेती है। पर उसकी जगह कोई नहीं ले सकता आखिर मां तो मां होती है।
मां एक अच्छी मार्गदर्शक
मां हमेशा अपने बच्चों को सही मार्गदर्शक होती है। उन्हें जीवन का अनुभव बच्चों से ज्यादा होता है।
बालाजी उन्होंने बड़ी बड़ी डिग्री ली हो या नहीं ली हो, पढ़ी लिखी हो या ना हो परंतु बच्चों को किस रूप में ढालना है। उनके लिए क्या सही और क्या गलत है। उन्हें अच्छी तरह से पता रहता है। बचपन से ही मेरी मां मेरे लिए अच्छी मार्गदर्शक रही है। किसने बात करना, किससे नहीं करना, क्या गलत सब उन्होंने मुझे बताया, आजकल के माहौल को देखकर उन्होंने बताया कि कहा जाना सही रहता है, कहां नहीं, उन्होंने मुझे निडर रहने के साथ ही इंसान को पहचानने का गुण भी सिखाया।
जब मुझे पढ़ाई में भी उनकी जरूरत थी। क्या उन्होंने मुझे मार्गदर्शन दिया, किस विषय में आगे अच्छा कर सकता हूं, वह बताया मुझे, मां मेरी अच्छी मार्गदर्शक होने के साथ ही, एक अच्छी काउंसलर भी है मेरे लिए। मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है और मुझे उन पर बहुत गर्व है।
उपसंहार
मां इस धरती पर ईश्वर का स्वरूप होती है। हम बच्चों को भी उतना ख्याल रखना चाहिए। क्योंकी जब आपको उनकी जरूरत थी। तब वह दौड़कर आ जाती थी। तो हम बच्चों का भी फर्ज बनता है। की हम भी उनकी दुख, तकलीफ को समझे, उनकी सहायता करें, अगर किसी कारणवश ऐसा नहीं भी कर पाए तो क्या? कोशिश तो कर ही सकते हैं। एक बात हमेशा याद रखना हर रिश्ते हर दोस्त सगे वाले सब मुंह मोड़ सकते हैं पर एक माही है जो कभी अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ सकती और ना ही उन्हें दुखी देख सकती है। मेरी ही मां नहीं बल्कि धरती पर हर प्रत्येक मां का प्रशंसा की पात्र होती है, प्रत्येक माह ईश्वर तुल्य होती है।
FAQ
1-मां पर निबंध कैसे लिखें?
उत्तर -माँ वह है जो हमें जन्म देती है, यहीं कारण है कि संसार में हर जीवनदायनी वस्तु को माँ की संज्ञा दी गयी है। यदि हमारे जीवन के शुरुआती समय में कोई हमारे सुख-दुख में हमारा साथी होता है तो वह हमारी माँ ही होती है। माँ हमें कभी इस बात का एहसास नही होने देती की संकट के घड़ी में हम अकेले हैं।
2-हमारी जिंदगी में मां का महत्व क्या है?
उत्तर -वह हमेशा हमें सही रास्ते पर आगे बढ़ने और जीवन में सही काम करने के लिए मार्गदर्शन करती है। वह हमारी पहली शिक्षिका है जो हमें जीवन के हर पड़ाव पर सिखाती है। वह हमें हमेशा अनुशासन में रहना, अच्छे व्यवहार करना और परिवार, समाज और देश के प्रति हमारी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में समझाना सिखाती है।
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