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विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध Essay on Dussehra or Vijayadashami in hindi// दशहरा पर निबंध 10 लाइन में

विजयदशमी अथवा दशहरा पर निबंध Essay on Dussehra or Vijayadashami in hindi// दशहरा पर निबंध 10 लाइन में


दोस्तों आज के इस लेख में आपको बताएंगे विजयदशमी अथवा दशहरा कब और क्यों मनाया जाता है तो आप लोग इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें तो सभी जानकारी के लिए आप लोग बने रहिए इस पोर्टल पर।


दशहरा हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसके अलावा यह सबसे लंबे दिनों तक चलने वाला त्यौहार में से एक है। पूरे देश में लोग बड़े उत्साह और प्रेम के साथ दशहरा मनाते हैं। दशहरा को भारत के कई प्रांत में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। दशहरा का पावन समय सभी के लिए खुशी मनाने का समय होता है। छात्रों को इस त्यौहार का पूरा आनंद लेने के लिए अपने स्कूलों और कॉलेजों से 10 दिन की लंबी छुट्टी भी मिलती है जिसका छात्र भरपूर आनंद उठाते हैं। बच्चों को विद्यालयों में दशहरा पर निबंध को लिखने को भी कहा जाता है,जिससे उनकी दशहरा के प्रति उत्सुकता बनी रहे और उन्हें दशहरा के बारे में पूर्ण जानकारी भी मिले। दशहरा पर निबंध के इस लेख में हम देखेंगे कि लोग दशहरा कैसे और क्यों मनाते हैं। इसी लिए हिंदी में दशहरा पर निबंध के इस लेख को जरूर पूरा पढ़े और अपने दोस्तों में भी ज्यादा से ज्यादा शेयर करें बने रहे इस पोर्टल पर आप लोगो का बहुत-बहुत धन्यवाद।


कई ऐसे छात्र भी होते हैं जिनकी हिंदी विषय पर पकड़ कमजोर होती है ऐसे में उन्हें समझ नहीं आता कि हिंदी में दशहरा पर निबंध कैसे लिखें या हिंदी में विजयदशमी पर निबंध कैसे लिखें। निम्नलिखित दशहरा पर निबंध ऐसे छात्रों की समस्या को भी दूर कर देगा। हालांकि ऐसे छात्रों को निम्नलिखित दशहरा पर निबंध को पूरा कॉपी करने से बचना चाहिए। इसके बदले उन्हें इस निबंध का मर्म व तरीका समझने की कोशिश करनी चाहिए जिससे भविष्य में कभी भी हिंदी में दशहरा पर निबंध लिखने में उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना होगा।


प्रस्तावना दशहरा पर निबंध - दशहरा दिवाली से दो या 3 हफ्ते पहले आता है। विजयदशमी का यह त्योहार आमतौर पर प्रत्येक वर्ष सितंबर से अक्टूबर के आसपास आता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व आश्विन मास में मनाया जाता है। सनातन हिंदू धर्म को मनाने वाले सभी लोगों को दशहरा त्योहार का बेसब्री से इंतजार रहता है। दशहरा का त्योहार सभी के लिए खुशी मनाने का क्षण लेकर आता है प्रोग्राम परिवार के सभी लोग मिलकर पूजा के लिए तैयारी करते हैं और ढेर सारी खरीददारी करते हैं।


छात्र नीचे दिए गए दशहरा पर निबंध की जांच कर सकते हैं दशहरा/विजयदशमी त्योहार के बारे में अपने व्यक्तिगत अनुभव व्यक्त करने या साझा करने के लिए इस विषय पर कुछ पंक्तियां लिखने का प्रयास कर सकते हैं। 


यहां बच्चों के लिए दशहरा पर निबंध दिया गया है जिसे युवा स्वयं निबंध लिखते समय देख सकते हैं और अधिक जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं।


दशहरा पर निबंध- दशहरा का अर्थ दशहरा शब्द दो हिंदी शब्दों दस और हारा से मिलकर बना है, जहां 10 का अर्थ 10 और हारा का मतलब सत्यानाश पराजित है। इसलिए यदि इन दो शब्दों को जोड़ दिया जाए तो दशहरा का मतलब है जो उस दिन का प्रतीक है जब 10 सिर वाले दुष्ट रावण का भगवान राम ने वध किया था। 


बुराई बा अच्छाई की जीत दशहरा को भारत के कुछ क्षेत्रों में विजयदशमी के रूप में भी जाना जाता है। यदि हम क्षेत्रीय और जातीय मतभेदों को अलग रखकर विचार करें तो इस त्यौहार के आयोजनों का एक ही मकसद है यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देना। 


दूसरे शब्दों में यह त्योहार बुराई की स्थिति पर अच्छाई की सत्य की जीत का प्रतीक है। हिंदू पौराणिक कथाओं पर नजर डालें तो कहा जाता है कि इसी दिन देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध कर दिया था। अन्य परंपराओं का यह भी मानना है कि भगवान राम ने दशहरा के दिन ही असुरों के महान राजा रावण से युद्ध किया था और उसे पराजित कर यह सिद्ध किया की बुराई कितनी भी प्रबल क्यों ना हो जीत हमेशा सच्चाई की ही होती है।


इससे हमें यह पता चलता है कि दोनों घटनाओं का परिणाम समान है बुराई पर सच्चाई की जीत निश्चित है। जिसका परिणाम अंधकार पर प्रकाश झूठ पर सच और बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है। 


दशहरा समारोह पूरे भारत में लोग दशहरा को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाते हैं। विभिन्न संस्कृतियों होने के बावजूद त्योहार के उत्साह को प्रभावित नहीं करती है। दशहरा के पूरे त्यौहार में सभी का उत्साह और जोश एक समान रहता है। 


विजयदशमी के अवसर पर बंगाली विजयदशमी मनाते हैं जो दुर्गा पूजा के दसवें दिन का प्रतीक है। इस दिन देवी की मूर्तियों को नदी में विसर्जित करने के लिए जुलूस के साथ ले जाया जाता है। और विसर्जन किया जाता है। विवाहित महिलाओं भी एक दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाती हैं जबकि अन्य स्त्रियां बधाई का आदान प्रदान करती हैं और एक दूसरे को दावत देती है। कुछ जगहों पर इसी दिन शस्त्र पूजा करने की भी परंपरा है।


यह एक धार्मिक और परंपरा एक उत्सव है

जिसकी जानकारी प्रत्येक बच्चे को होने चाहिए। ऐतिहासिक मान्यताओं और प्रसिद्ध हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण में ऐसा उल्लेख किया गया है कि भगवान राम ने रावण को मारने के लिए देवी चंडी की पूजा की थी जिसके बाद ही अमरता का वरदान प्राप्त कर चुके रामायण वध करना संभव हो चुका था।


रामलीला का आयोजन दशहरा राक्षसों के राजा रावण पर भगवान राम की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। लोग दशहरा को 10 दिनों तक उनके बीच हुए युद्ध को नाटक के रूप में भी मनाते हैं। इस नाटक की रूप को रामलीला कहा जाता है। उत्तर भारत में लोग मुखोटे पहनकर और विभिन्न नृत्य रूपों के माध्यम से रामलीला का आयोजन करते हैं साथ ही इस का लुफ्त भी उठाते है।


रावण दहन रावण में कथित छंद का पालन करते हुए वे रावण मेघनाथ और कुंभकरण जैसे 3 बड़े राक्षसों के विशाल आकार के पुतले बनाते हैं। इसके बाद पुत्रों को जलाने के लिए उन में विस्फोटक पदार्थ भरा जाता है और जमकर आतिशबाजी की जाती है। एक आदमी भगवान राम की भूमिका निभाता है और जलाने के लिए पुत्रों पर आग लगे हुए तीर चलाता है। लोग आमतौर पर किसी मुख्य अतिथि को भगवान राम की भूमिका निभाने और उस पुतले को जलाने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह आयोजन हजारों दर्शकों की मौजूदगी में खुले मैदान में सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है।


हर उम्र के लोग इस मेले का लुफ्त उठाने के लिए यहां उपस्थित होते हैं। बच्चे इस आयोजन का सबसे ज्यादा इंतजार करते हैं और माता-पिता से आतिशबाजी को देखने के लिए ले जाने की जिद करते हैं। वे आतिशबाजी देखते हैं और आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद उठाते हैं। 


दशहरा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। हालांकि सभी धर्मों के लोग रावण दहन को देखने के लिए आते हैं। रावण दहन का यह कार्यक्रम लोगों को एकजुट करता है क्योंकि दर्शक ना कि केवल हिंदू धर्म से बल्कि सभी धर्म के लोग होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दशहरा हमें सिखाता है की अच्छाई हमेशा बुराई को मात देती है और प्रकाश हमेशा अंधेरे पर विजय प्राप्त करता है।


हमें जरूरत है अपने अंदर के रावण को मारने की दशहरा पर निबंध - हम बाहर रावण का पुतला तो जलाकर यह बता देते हैं कि बुराई की हमेशा हार और सच्चाई की जीत होती है लेकिन अपने अंदर की बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। लोगों को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर खुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। वह सतयुग का दौर था जिसमें केवल एक रावण था जिस पर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी पर यह तो कलयुग है जिससे हर घर में रावण छुपा बैठा है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है। जिस प्रकार एक दीपक की रोशनी अंधकार का नाश करने के लिए अधिक होती है ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा वाली सोच ही काफी है अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए।


विजयदशमी से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां- विजयदशमी जैसे धार्मिक महत्व वाले दिन कुछ असामाजिक तत्व के लोग मदिरापान का सेवन कर लोगों को परेशान करते हैं। कुछ गंदी मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़छाड़ जैसे शर्मनाक हरकत करते हैं। अगर समाज में दशहरा के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो दशहरा का  पर्व वास्तव में आनंद में हो जाएगा ।


उपसंहार- हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण के अनुसार ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और वर प्राप्ति के लिए श्रीराम ने चंडी होम कराया था। दशहरा को दुर्गा उत्सव भी कहा जाता है क्योंकि लोगों का ऐसा मानना है कि उसे 10 में दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक दुष्ट असुर का वध किया था। विजयदशमी का पर्व लोगों के मन में नई ऊर्जा बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख लोगों के मन में नई चा और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आता है। भगवान श्री राम ने रावण का अंत कर बुराई पर विजय प्राप्त की और मां दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया 9 दिन देवी मां की पूजा अर्चना के बाद यह विजयदशमी आती है। इस दिन सबके घरों में पकवान आदि बनाई जाती है।


दशहरा पर निबंध 10 लाइन 


1- दशहरा हिंदुओं का सबसे लोकप्रिय त्यौहार है जिसे 10 दिनों तक मनाया जाता है।


2- दशहरा रामायण के महाकाव्य राक्षस रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है।


3- संस्कृत में दशहरा शब्द का अर्थ है 10 बुराइयों से छुटकारा। 


4- यह हिंदू धर्म में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने वाले त्योहारों में से एक है।


5- दशहरा ना केवल हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है बल्कि देश के अन्य धर्मो जैसे मुस्लिम ईसाई और सिखो  द्वारा भी मनाया जाता है।


6- डशहरा को नवरात्रि उत्सव के रूप में भी जाना जाता है जिसे भारतीय घरों में खुशी फैलाने के लिए मनाया जाता है।


7- रामलीला रामायण का एक नाटक रूपांतरण है जिसका आयोजन आमतौर पर विजयदशमी के दिन किया जाता है।


8- इस दिन रामायण कुंभकरण और मेघनाथ जैसे राक्षसों के पुतले जलाए जाते हैं। 


9 दस सिर वाले रावण को जलाते वक्त जोरदार आतिशबाजी की जाती है।


10 दशहरा भारतीय उपमहाद्वीप में लंका के राजा रावण की बर्बर भूमिका के अंत का प्रतीक है।

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