महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर//mahakavya aur khandkavya mein antar
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महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर//mahakavya aur khandkavya mein antar |
महाकाव्य किसे कहते हैं तथा महाकाव्य की परिभाषा लिखिए?
जिसने सर्गो का निबंध हो वह महाकाव्य कहलाता है। महाकाव्य में देवता या सदृश क्षत्रिय जिसने धीरोदातत्वादि गुण हो नायक होता है कहीं एक वंश के अनेक सत्कुलीन भूप विनायक होते हैं श्रंगार, वीर और शांत में से कोई एक अंगीय होता है तथा अन्य सभी रंग रूप होते हैं।
महाकाव्य की विशेषताएं
1-इसमें 8 या अधिक सर्ग होने चाहिए।
2-अनेक शब्दों का प्रयोग होना चाहिए।
3-प्रधान रस शांत, वीर, श्रृंगार रस का होना चाहिए।
4-अन्य रसों का प्रयोग समय अनुसार करना चाहिए।
5-यात्रा वर्णन प्रकृति वर्णन नगर वर्णन होना चाहिए।
6-प्रारंभ में देवी देवता की आराधना होनी चाहिए।
7-नायक धीरे दत्त होना चाहिए।
8-शैली उदात्त होनी चाहिए।
9-कथावस्तु को क्रमबद्ध का सूत्त्रात्मक होनी चाहिए।
खंडकाव्य किसे कहते हैं?
खंडकाव्य के साहित्य में प्रबंध कब का एक रूप है जीवन की किसी घटना विशेष को लेकर लिखा गया काव्य खंडकाव्य है। खंडकाव्य शब्द से स्पष्ट होता है कि इसमें मानव जीवन की किसी एक ही घटना की प्रधानता रहती है जिसमें चरित्र नायक का जीवन संपूर्ण रूप में कभी को प्रभावित नहीं करता है।
खंड काव्य की विशेषताएं
1-खंडकाव्य जीवन की किसी एक घटना या मार्मिक अंश का चित्रण होता है।
2-घटना के माध्यम में किसी आदर्श की अभिव्यक्ति होती है।
3-इसका नायक प्रसिद्ध होता है।
4- संपूर्ण रचना एक ही क्षण में होती है।
5-इसका प्रधान रस शांत या वीर रस होता है।
महाकाव्य और खंडकाव्य में अंतर