Type Here to Get Search Results !

1

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर//Muhavre Aur Lokati Mein Antar

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर//Muhavre Aur Lokati Mein Antar


नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में आप लोगों को बताएंगे मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर यह लेख आप लोगों के कक्षा नौवीं से बारहवीं तक सभी परीक्षाओं में पूछा जाता है तो आप लोग इस लेख में अंत तक जरूर बने रहें यह आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है ऐसे ही लिख पाने के लिए बने रहें इस पोर्टल पर साथ ही दोस्तों आप लोग कमेंट करें और इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।



मुहावरे क्या है?
लोकोक्ति क्या है?
मुहावरों की विशेषताएं
लोकोक्ति की विशेषताएं
मुहावरे और लोकोक्तियां में अंतर


मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर ,लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर, मुहावरे क्या होते हैं, मुहावरों की विशेषताएं लोकोक्तियां क्या होती हैं, लोकोक्तियों की विशेषताएं आ गया है दिए गए हैं।


मुहावरे क्या होती है?


मुहावरे वह कथन होते हैं जो सामान अर्थ को प्रकट ना करके किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं। यह ऐसे वाक्यांश होते हैं जो सामान अर्थ की तुलना में विशेष अर्थ को व्यक्त करने का कार्य करते हैं। मुहावरे के प्रयोग के कारण भाषा में विशेष प्रकार का बदलाव आता है जिससे भाषा जीवंत मुख्य रूप से प्रभावशाली होता है। इनके प्रयोग से भाषा में रोचकता रंज कता लालित्य एवं प्रवाह का गुण पैदा होता है। यह साधारण पदबंध से बहुत अलग होती हैं यह इनके प्रयोग से भाषा की अभिव्यंजना शक्ति में वृद्धि होती है।


मुहावरे मुख्य रूप से भाषा एवं वाक्य को स्पष्ट चित्र में बनाते हैं। यह विशेष रूप से वाक्य को प्रभावशाली बनाने का कार्य करते हैं। मुहावरे किसी व्यक्ति के जीवन के अनुभव पर आधारित होते हैं। मुहावरों में प्रयुक्त होने वाले शब्द मुख्य रूप से शब्दों की खूबसूरती को प्रदर्शित करते हैं। यह ऐसे संगठित शब्दों का समूह होता है जिसका अर्थ व्यंग्यात्मक भी हो सकता है। मुहावरे किसी भी भाषा को रंगीन सरस एवं जीवंत बनाने में सक्षम होते हैं। मुहावरों के माध्यम से भाषा गतिशील प्रभाव से एवं रोचक बन जाती है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार किसी भाषा की अभिव्यंजना के विशिष्ट रूप को मुहावरा कहा जाता है।


मुहावरों की विशेषताएं-


मुहावरों की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-


  • मुहावरे स्वतंत्र वाक्य रूप में प्रयुक्त नहीं की जा सकते हैं यह सदैव वाक्यांश के रूप में ही प्रयुक्त होते हैं।


  • प्रत्येक मुहावरे का अर्थ प्रसंग के अनुसार ही होता है।


  • मुहावरे के स्वरूप को किसी भी परिस्थिति में बदला नहीं जा सकता है। जैसे किसी बात में पानी पीने के स्थान पर जल ग्रहण करना प्राप्त नहीं किया जा सकता।


  • मुहावरे के शब्दार्थ के कारण संपूर्ण वाक्य को ग्रहण किया जा सकता है।


  • मुहावरे के अर्थ में कभी भी परिवर्तन नहीं होता अतः उसका स्वरूप सदैव स्तर रहता है।


  • मुहावरों का उपयोग सर्वदा संदर्भ में प्रसंग के अनुकूल ही किया जाता है।


  • मुहावरों के स्वरूप में समय एवं परिस्थिति के साथ साथ हमेशा परिवर्तन होते रहते हैं।


  • अधिकतर मुहावरों का सीधा संबंध मानव शरीर याद दैनिक चर्या से होता है।


  • मुहावरों में उपयोग किए जाने वाले शब्दों का अर्थ सीधा एवं सरल नहीं होता यह सदैव जटिल होता है।


  • मुहावरे हमारी कथन को रोचक बनाने का कार्य करते हैं।


प्रसिद्ध मुहावरे


आग बबूला होना अर्थात अत्यंत गुस्सा होना

अंगारे उगलना अर्थात अत्यधिक क्रोधित होना।

अंगूठा दिखाना अर्थात किसी कार्य को करने से साफ इनकार करना।

अक्ल पर पत्थर पड़ना अर्थात बुध से कामना लेना।

अगर मगर करना अर्थात किसी कार्य को करने से बहाना बनाना


लोकोक्तियां क्या है?

लोगों एवं समाज में प्रचलित कथा नियुक्ति जो व्यापक लोग अनुभव पर आधारित होती हैं उन्हें लोकोक्तियां कहा जाता है। लोकोक्तियों में मुख्य रूप से अलौकिक सामाजिक जीवन का अंत विद्यमान होता है। लोकोक्ति लोक+उक्ति शब्दों से मिलकर बना है। लुक दिनों की रचना कहानियों या चीर सत्य के आधार पर की जाती है। यह पूर्ण वाक्य होते हैं जिनमें अनेक प्रकार के सत्य निहित होते हैं। लोकोक्तियां जीवन यापन का एक महत्वपूर्ण अंग माने जाते हैं।


लोकोक्तियों की विशेषताएं


  • लोकोक्तियों का प्रयोग मुख्य रूप से कथन की पुष्टि करण करने के लिए किया जाता है।


  • लोकोक्तियां पूर्ण वाक्य कहलाते हैं।


  • यह मुख्य रूप से जीवन के अनुभव पर आधारित होती हैं।


  • इसका क्षेत्र सीमित होता है।


  • लोकोक्तियों की रचना आमतौर पर सीधे-सीधे शब्दों में या विलक्षण शब्दों में किया जाता है।


  • इसका प्रयोग समाज को सही मार्ग दिखाने के उद्देश्य किया जाता है।


  • लोकोक्तियां धार्मिक एवं नैतिक उपदेश रूपी प्रवृत्ति के होते हैं जिसमें हादसे एवं मनोरंजन का भी उचित उपयोग किया जाता है।


  • लोकोक्ति के माध्यम से किसी जटिल व को भी सरलता एवं सहजता से कहा जा सकता है।


प्रसिद्ध लोकोक्तियां

"अकेली मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है" अर्थात एक दुष्ट व्यक्ति है पूरे समाज को दूषित कर देता है।


"अंधों में काना राजा" अर्थात गुड इन व्यक्तियों में अधिकतम गुड वाला व्यक्ति।


"अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत" अर्थात उचित समय निकल जाने पर पछताने से कोई लाभ नहीं होता।


"अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है" अर्थात अपने घर में निर्बल व्यक्ति भी बलवान होता है।


Difference in muhavare or lokoktiyan in Hindi



मुहावरे

लोकोक्तियां अथवा कहावत

मुहावरे अपना शाब्दिक अर्थ छोड़कर नया अर्थ देते हैं। जैसे तोते उड़ जाना में तोते उड़ना नहीं वरन घबरा जाना का भाव दिखाई देता है।

लोकोक्तियां विशेष आरती देते हैं परंतु उनका शाब्दिक अर्थ भी बना रहता है। जैसे नाच ना आवे आंगन टेढ़ा मैं किसी कार्य में अकुशल व्यक्ति द्वारा साधनों को दोष देने का भाव दिखाई देता है किंतु नाच आंगन आदि के हिसाब देख अर्थ का सहारा लेकर बात स्पष्ट की गई है।

मुहावरों के अंत में क्रियापद होता है। जैसे हाथ मलना यहां मलना क्रियापद का प्रयोग किया हुआ है।

लोकोक्ति के अंत में क्रियापद का होना अनिवार्य नहीं। जैसे अंधेर नगरी चौपट राजा

मुहावरों सेवक अनुसार परिवर्तन होता है। मुहावरा सामान्यतया एक वाक्यांश होता है जिस के रूप में लिंग वचन एवं क्रियापद कारक के अनुसार परिवर्तन आता है।

लोकोक्तियां अपने आप में एक पूर्ण वाक्य होती है। प्रयोग के बाद भी इनमें व्याकरण के नियमों तथा लिंग वचन क्रिया आदि के अनुसार कोई अंतर नहीं आता। पूर्ण इकाई होने के कारण लोकोक्ति में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं होता है।

मुहावरे के अंत में अधिकतर ना आता है जिससे क्रियापद का बोध होता है जैसे आग बबूला होना।

लोकोक्तियों के अंत में ना का होना समानता नहीं पाया जाता। जैसे पांचो उगलियां घी में और सर कढ़ाई में।

मुहावरों के अर्थ का पूर्ण स्पष्टीकरण नहीं हो पाता जब तक कि उनका वाक्य में प्रयोग न किया जाए।

लोकोक्ति के अर्थ उद्देश्य व विधेय का पूर्ण विधान और स्पष्टीकरण इनके मूल रूप में ही होता अर्थात इनका अर्थ वाक्य में प्रयोग पर निर्भर नहीं करता।

मुहावरों में लक्षणा शक्ति होती है।

लोकोक्तियों में व्यंजना शक्ति होती है।

मुहावरों में व्यंग्य अतिशयोक्ति नहीं होती।

लोकोक्ति नो अक्षर व्यंग और अतिशयोक्ति पूर्ण होती है।

मुहावरा वाक्य का अंत होता है। मुहावरे का प्रयोग वाक्य के अंत आरंभ और बीच में कहीं भी किया जा सकता है।

लोकोक्तिया अपने आप में एक पूर्ण वाक्य होती है।

मुहावरे का प्रयोग बात को घुमा फिरा कर कहने के लिए किया जाता है।

लोकोक्ति तथा मुहावरे में उपयोगिता की दृष्टि से भी भेद है लोकोक्ति किसी बात का समर्थन विरोध अथवा खंडन करने के लिए प्रयोग में ली जाती है।



मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर//Muhavre Aur Lokati Mein Antar
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर//Muhavre Aur Lokati Mein Antar

👇👇👇 इसे भी पढ़ें

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Section