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भगवान शिव पर निबंध//essay on Lord Shiva in Hindi

भगवान शिव पर निबंध//essay on Lord Shiva in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप लोगों को बताएंगे भगवान शिव पर निबंध, शिवरात्रि पर 10 लाइन हिंदी में, सभी की जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से दी जाएगी तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े और अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

भगवान शिव पर निबंध//essay on Lord Shiva in Hindi
भगवान शिव पर निबंध//essay on Lord Shiva in Hindi


10 lines on Lord Shiva in Hindi

1-भगवान शिव को हिंदू धर्म के बहुत बड़े देवता के रूप में पूजा जाता है।


2-शिव जी को भोलेनाथ और महादेव भी कहते हैं तथा शिव पुराण के अनुसार शिव जी के 1008 नाम माने जाते हैं।


3-महादेव के परिवार में उनकी पत्नी पार्वती जी तथा दो पुत्र श्री गणेश और कार्तिकेय जिनके साथ वह कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं।


4-महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव का मुख्य त्यौहार कहलाता है।


5-इसी दिन से पार्वती का विवाह हुआ था।


6-इस दिन भक्तजन व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं।


7-भगवान शिव का जन्म कब हुआ इस प्रश्न का जवाब किसी के पास नहीं है।


8-हर हर महादेव तथा ओम नमः शिवाय शिवजी के मुखिया पर है।


9-भगवान शिव का वाहन एक पवित्र बैल है जिसे नंदी कहा जाता है।


10-भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जिनको देवता तथा दानव सभी समान रूप से पूजते हैं।


शिव  थे मंगल दाता। यह भगवान शंकर का नाम है जिन्हें शंभू, भोलेनाथ, त्रिलोचन, महादेव, नीलकंठ, पशुपति, आदि योगी, रूद्र आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है।

कब के

प्रतिपालक सेवक सकल, खलनि दलमलत डांटि ‌।



भगवान शिव पर निबंध 300 शब्द में


ओम नमः शिवाय

कहते हैं पृथ्वी की संपूर्ण शक्ति इसी पंचाक्षर मंत्र में ही समाहित है देवों में ब्रह्मा देव सृष्टि के रचयिता हैं तो श्रीहरि पालनहार हैं भगवान भोलेनाथ संहारक। शिव तो आशुतोष हैं जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं।


शिव शक्ति

शिव के साथ जब तक सकती हैं तभी तक वह शिव कहलाते हैं बिना शक्ति के शव के सम्मान हो जाते हैं। उनका अर्धनारीश्वर रूप इसी बात का प्रतीक है अपने इस रूप से प्रभु सब को यह सीख देना चाहते हैं कि प्रकृति स्त्री और पुरुष दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे होते हैं और साथ मिलकर ही संपूर्ण होते हैं। किसी भी महत्ता कम नहीं अपितु समान है।


 उनका निवास

महादेव अपने परिवार पार्वती श्री गणेश और कार्तिकेय के साथ कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं साथ ही नंदी शिवगढ़ आज भी उनके साथ वहां पर निवास करते हैं।


शिव के भक्त शैब

भगवान शिव के कई नाम है और वह योग और नृत्य सहित

जीवन के विभिन्न पहलुओं के देवता हैं हिंदू धर्म में जो लोग उनका अनुसरण करते हैं उन्हें शैव कहा जाता है। एवं उनके संप्रदाय को शैव संप्रदान कहते हैं।


शिव के अनंत अनुपम स्वरूप


शिव को दुनिया के विध्वंसक के रूप में जाना जाता है। लेकिन उनकी कई अन्य भूमिकाएं भी है हिंदू धर्म के अनुसार शिव के अनंत रूप हैं जैसे वह निर्माता हैं तो विंध्य शक भी आंदोलन है। तो शांत भी वह प्रकाश है तो अंधेरा भी और आदमी भी वही और औरत भी वही है। इन भूमिकाओं में विरोधाभास होता है लेकिन शिब की यह भूमिका है यह दिखाने के लिए हैं। कि यह चीजें जितना दिखाई देती हैं उससे कहीं अधिक एक दूसरे से जुड़ी है।


निष्कर्ष

शिव महा कल्याणकारी है वह तो केवल एक लोटा जल से ही खुश हो जाते हैं शिव आदिदेव है। शिव के स्मरण मात्र से ही सब दुख दूर हो जाते हैं। वह तो भोलेनाथ हैं जो भक्त उन्हें डंडे से मारता है उससे भी खुश हो जाते हैं जहां वह एक ओर महायोगी हैं। वहीं दूसरी तरफ माता पार्वती से प्रेम विवाह भी किया है। जब भी किसी जोड़ी को आशीर्वाद दिया जाता है तो उन्हें से पार्वती की उपमा से ही सुशोभित किया जाता है।



भगवान शिव पर 500 शब्दों में निबंध

ऐसा माना जाता है कि इसी दिन ब्रह्मांड की शुरुआत में भगवान शिव प्रजापिता ब्रह्मा के शरीर से भगवान रुद्र के रूप में प्रकट हुए थे और इस महाशिवरात्रि पर भगवान शिव ने तांडव नृत्य करके इस तीसरे नेत्र का प्रदर्शन किया था। ज्वाला से जल जाएगी कई जगहों पर यह भी माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था इन सभी कारणों से हिंदू शास्त्रों में महाशिवरात्रि की रात का बहुत महत्व है।


महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिर में सुबह से ही कतार लग जाती हैं लोग भगवान शिव का जल और दूध से अभिषेक करते हैं जहां तक हो सके लोग शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कर आते हैं कुछ लोग दूध दही घी शहद और चीनी के मिश्रण से भी स्नान कराते हैं फिर उन्हें चंदन लगाया जाता है और उन्हें फूल बेल के पत्ते चढ़ाए जाते हैं भगवान शिव की धूप और दीप से पूजा की जाती है बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसलिए लोग इन्हें बेलपत्र चढ़ाते हैं महाशिवरात्रि पर रात्रि जागरण का भी विधान है लोग शिव मंदिर या घरों में रात भर जाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं कई लोग तन और मन की शुद्धि के लिए इस दिन व्रत भी रखते हैं कुछ लोग निर्जर होकर उपवास करते हैं कई जगहों पर भगवान शिव की बारात भी निकाली जाती है।


महाशिवरात्रि से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं जो बेहद प्रेरक हैं ऐसी ही एक कहानी में चित्रभानु नाम के एक शिकारी का जिक्र है चित्रभानु को महाशिवरात्रि व्रत का ज्ञान नहीं था वह जंगल के जानवरों को मार कर अपना जीवन यापन करता था एक बार महाशिवरात्रि के दिन अनजाने में 19 शिव कथा सुनने को मिल गई। शिव कथा सुनने के बाद वह शिकार की तलाश में जंगल में चला गया वहां शिकार की प्रतीक्षा करते हुए वह अनजाने में बेल के पत्ते तोड़कर घास के ढेर के नीचे ढके एक शिवलिंग पर फेंक देता। इस कृत्य से प्रसन्न होकर भगवान से उनका हृदय निर्मल कर देते हैं। उसके मन से हिंसा के विचार नष्ट हो जाते हैं वह जंगल में शिकार करने गया लेकिन एक के बाद एक 6 हिरणों को जीवन दे देता है उसी दिन से चित्र भांनु शिकारी के प्राण छोड़ देता है।


यह कहानी हमें भगवान शिव की कृपा दिखाती है यह अनजाने में की गई पूजा का फल भी प्रदान करते हैं। एक हिंसक शिकारी का हृदय जो करुणामय बना देता है। इस प्रकार हिंदी में महाशिवरात्रि का पर्व भी प्राण मात्र को करूणा का संदेश देता है। धर्म ग्रंथों में विधान है कि भगवान शिव की पूजा करने से सभी सांसारिक मनोकामनाएं पूरी होती हैं यदि आप विधि विधान से नहीं चल सकती हैं तो साधारण विधि से पूजा करने या मात्र उनका स्मरण करने पर भी भगवान से प्रसन्न हो जाते हैं।


हमारे देश में हर त्योहार हमें इखट्टा होने खुशियां बांटने और समाज के हित में कुछ करने का मौका देता है। हमें भी महाशिवरात्रि के दिन समाज हित के लिए अपनी क्षमता को इंसान कुछ ना कुछ करना चाहिए कई संस्थाएं इस देव रक्तदान शिविर का आयोजन करती हैं तो कई अन्य संगठन मुफ्त में भोजन वितरण का प्रबंधन करते हैं। कई लोग गरीबों को दान करते हैं किए गए हैं सभी कर्म हमें ईश्वर के करीब ले आते हैं हमें भी भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए कि उन्होंने शिकार चित्रभानु के हृदय को शोध किया और हमारे हृदय को भी शुद्ध करे।


FAQ

1-नटराज क्या है?

 उत्तर- नृत्य अवस्था में भगवान शिव को नटराज कहा जाता है।


2-महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को मुख्य रूप से क्या चढ़ाया जाता है? 

उत्तर-महाशिवरात्रि पर मुख्य रूप से भगवान शिव को दूध और बेल के पत्ते चढ़ाए जाते हैं।


3-वाराणसी में कितने ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं?

 उत्तर-वाराणसी भगवान शिव का केवल 1 ज्योतिर्लिंग है हाला की कुल 12 ज्योतिर्लिंग पूरे विश्व में है 11 भारत में और एक नेपाल में।




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